विद्यार्थी सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य देखें तथा अपने अनुभवों को लिखें।

आज मैंने सुबह 5 बजे उठकर सूर्योदय देखा। वो नजारा बहुत मनमोहक था। सुबह की ठंडी और शुद्ध वायु मेरे शरीर को ठंडक पहुंचा रही थी। आसमान पर सूरज निकलने पहले हल्की लालिमा छा गई जब सूरज निकला तो उसकी किरणें भी शीतल लग रही थीं। मैं पूरब दिशा की ओर टकटकी लगाए सूरज को उगते हुए देखता रहा। प्रकृत्ति की सबसे बेमिसाल रचना है। वहीं आज शाम का सूर्यास्त भी देखने का मौका मिला। हम सब छत पर खेल रहे थे। करीब 6 बजे होंगे। आसमान में फिर से लालिमा छाई और धीरे—धीरे सूरज उसमें समाता चला गया। आधा सूरज लालिमा के अंदर और आधा बाहर, ये दृश्य बहुत ही मनमोहक था। जाते—जाते सूरज जैसे हमसे यह कह रहा हो कि मैं सुबह फिर से जरूर आऊँगा।


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